प्रेस स्टेटमैंट
लोकसभा चुनाव – 2024 – राज्यसत्ता की मशीनरी का दुरुपयोग करने, समस्त पूँजीवादी संसदीय विपक्ष को कुचलने के तमाम प्रयासों और जनपक्षधर शक्तियों के व्यापक दमन-उत्पीड़न के बावजूद फ़ासीवादी भाजपा अपने बूते बहुमत तक पहुँचने में नाकाम
इस नतीजे का मुख्य कारण यह था कि बेरोज़गारी, महँगाई, भयंकर भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता से जनता त्रस्त थी। यही वजह थी कि आनन-फ़ानन में अपूर्ण राम मन्दिर के उद्घाटन करवाने का भी भाजपा को कोई फ़ायदा नहीं मिला और फ़ैज़ाबाद तक की सीट भाजपा हार गयी, जिसमें अयोध्या पड़ता है। उत्तर प्रदेश के नतीजों ने सभी को चौंकाया, लेकिन चुनावों से पहले आरडब्ल्यूपीआई के नेतृत्व में चली ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ के दूसरे चरण में ही हमने यह महसूस किया था कि उत्तर प्रदेश में ऐसे नतीजे आने की पूरी सम्भावना है।
Read moreअन्धराष्ट्रवाद का उन्माद फैलाकर और “राष्ट्र की सुरक्षा” के नाम पर चुनाव की वैतरणी पार करने की फ़िराक़ में एक बार फिर जुटी फ़ासीवादी भाजपा सरकार!!
इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि चुनाव के समय सीमा पर तनाव या मुठभेड़ की ख़बर आते ही गोदी मीडिया से लेकर फ़ासीवादियों का पूरा प्रचार तंत्र देश में युद्धोन्माद और अन्धराष्ट्रवाद की लहर फैलाने में लग जाता है। “दुश्मन को सबक सिखाओ!”, “हमें नौकरी नहीं बदला चाहिए”, “घर में घुसकर मारो!”, “देशहित के लिए आगे आओ!” जैसे नारों की शोर में लोगों के जीवन की असल समस्याएँ दूर धकेल दी जाती हैं और आख़िरकार इन सैन्य झड़पों और युद्धोन्माद का ख़ामियाज़ा आम मेहनतकश जनता को भुगतना पड़ता है। सीमा पर तनाव हो, युद्धोन्माद हो या फ़िर साम्प्रदायिक दंगे हर जगह मरते आम लोग है जबकि भाजपा के नेता-मंत्री और उनके बेटे-बेटियाँ विदेशों में अय्याशियाँ करते हैं। देश में इस तरह के उन्माद फैलाकर लोगों की लाशों पर वोट बटोरना फ़ासिस्टों की राजनीति का हिस्सा है।
Read moreबलात्कारियों को शरण देने वाली भाजपा सरकार शर्म करो! प्रज्वल रेवन्ना को संरक्षण देना बन्द करो!
इस क़िस्म का घटिया आदमी यदि एनडीए गठबन्धन का कर्नाटक में पोस्टर बॉय बना हुआ है, तो इसमें चकित होने की कोई बात नही हैं। भाजपा बलात्कारियों को पैदा करने और उनका संरक्षण करने में माहिर पार्टी है। भाजपा को दिसम्बर से ही इसके कुकृत्यों के बारे में सब जानकारी थी। ख़ुद इनके राज्य अध्यक्ष को देवराज गोडा ने पत्र लिखकर इसके कुकृत्यों के बारे में बताया था। ऐसे बलात्कारियों को भाजपा द्वारा ना सिर्फ़ टिकट दिया गया बल्कि ख़ुद देश के प्रधानमंत्री मोदी इसकी रैली में इसके लिए वोट मांँगता हुआ यह कहता है कि रेवन्ना को दिये गये वोट का मतलब मोदी को दिया गया वोट है! समझदार को इशारा काफ़ी है। यदि रेवन्ना को दिया गया वोट मोदी को दिया गया वोट है, तो समझ जायें कि मोदी राज में इस देश की महिलाऐं कहीं भी सुरक्षित नहीं होंगी। इसलिए यदि आपको सुरक्षित रहना है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इस बार यह बलात्कारी पार्टी सत्तासीन ना हो।
Read moreइलेक्टोरल बॉण्ड का महाघोटाला: एक बार फिर भाजपा का “चाल-चेहरा-चरित्र” आया सामने!
इलेक्टोरल बॉण्ड पूँजीपतियों से चन्दा लेने और आना-कानी करने पर चन्दा ऐठने और बदले में उन्हें हज़ारों करोड़ के ठेके देने, टैक्स माफ़ी देने का एक उपकरण है, जिसका मोदी-शाह की जोड़ी ने अपनी तानाशाह किस्म की सरकार को क़ायम रखने के लिए इस्तेमाल किया है। ऊपर से इसमें यह फ़ायदा है कि इस पूरी व्यवस्था को अपारदर्शी बनाकर भाजपा यह छिपा सकती थी कि वह किस प्रकार देश के धनी पूँजीपतियों, व्यापारियों, कुलकों-फार्मरों, दलालों, प्रॉपर्टी डीलरों, ट्राँसपोर्टरों की पार्टी है, उन्हीं के चन्दे पर इनका ‘कमल’ फूलता है और उन्हीं को मुनाफ़ाखोरी का वह मौका देती है। साथ ही इसके ज़रिये कालाबाज़ारू पूँजीपतियों ने अपने लाखों-करोड़ों के काले धन को सफ़ेदधन में तब्दील किया है। मिसाल के तौर पर, एक कम्पनी का कुल शुद्ध मुनाफ़ा ही 2 करोड़ रुपये से कम था, लेकिन उसने 180 करोड़ रुपये से ज़्यादा के चुनावी बॉण्ड ख़रीदे!
Read moreअब ज्ञानवापी पर ध्रुवीकरण तेज़ करने की तैयारी – जन असन्तोष कम करने में राम मन्दिर भी नाकाम
पहले राम मन्दिर के नाम पर दंगे हुए, अब ज्ञानवापी के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश जारी है और हो सकता है चुनाव तक काशी-मथुरा तक भी यह आग पहुँच जाये। भाजपा संघ परिवार आपकी धार्मिक भावनाओं का शोषण कर आप को ही मूर्ख बना रही है। मोदी सरकार धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। दोस्तों! यह आपको तय करना है कि आपको क्या चाहिए! क्या आपको शिक्षा-चिकित्सा-रोज़गार-आवास के अपने बुनियादी हक़ चाहिए या फिर मन्दिर-मस्ज़िद के झगड़ों में ही उलझे रहेंगे!
Read moreसंसद के अन्दर-बाहर नारेबाज़ी करने व रंगीन धुँआ छोड़ने में संलग्न रहे युवाओं का यूएपीए के तहत दमन बन्द करो और इन्हें तत्काल रिहा करो!
जनता के व्यापक आन्दोलन के दबाव में ही हम सरकार को झुकने पर मजबूर कर सकते हैं। शिक्षा-रोज़गार से जुड़े मसले भी छात्र-युवा आबादी के दबाव में ही समाधान की ओर जा सकते हैं। यदि वाकई हालात में बदलाव लाना है तो जनता को जागृत और गोलबन्द करने के काम में जागरूक युवाओं को तत्काल जुट जाना चाहिए। हमारी 13 दिसम्बर जैसी कार्रवाइयों से शासन-सत्ता के कानों पर जूं तक नहीं रेंगेगी।
Read more2024 लोकसभा चुनावों से पहले साम्प्रदायिक ज़हर फैलाने की साज़िशें ज़ोरों-शोरों पर!
पूँजीवादी व्यवस्था में अपराध और सत्ता का गठजोड़ फेविकॉल के मज़बूत जोड़ जैसा होता है। सत्तारूढ़ पार्टी अपने हितों के हिसाब से अपराधियों को शह देती है और ज़रूरत पूरा होने के बाद उन्हें रास्ते से हटा भी देती है। योगी सरकार तो ख़ैर इस मामले में अव्वल स्थान पर है। 2018 में इसी अतीक़ अहमद का इस्तेमाल स्वयं भाजपा ने किया था, तब उसके गैंगस्टर होने से फ़ासीवादियों को कोई गुरेज़ नहीं था! आज फ़ासीवादियों द्वारा हिन्दुत्व फ़ासीवाद की नयी प्रयोगशाला के रूप में उत्तर प्रदेश को उदाहरण के तौर पर स्थापित किया जा रहा है जहाँ क़ानून, अदालत, न्यायिक प्रक्रिया सिर्फ़ जुमले हैं।
Read more“राष्ट्रवाद” और “देशप्रेम” की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार की असलियत!!
आख़िर 300 किलो आरडीएक्स देश की सीमा के भीतर कैसे पहुँचा? देश की सुरक्षा एजेंसियाँ कहाँ थी? एक सवाल तो यह भी था कि पुलवामा हमले के बाद आतंकियों को जम्मू से पाकिस्तान पहुँचाने में मदद करने वाले पुलिस अधिकारी देवेन्दर सिंह का क्या हुआ? उसपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
Read moreनागरिकता संशोधन विधेयक 2016 : धार्मिक आधार पर उत्पीड़न और देश के बँटवारे का नया औज़ार
लोगों के अधिकार छीन लेने, विरोधियों को दोयम दर्जे का नागरिक बना देने और जनता के दमन का भाजपाई एजेण्डा यही नहीं रुकने वाला है। यह अतिशयोक्ति नहीं कि कल को येन-केन-प्रकारेण राजनीतिक विरोधियों को भी नागरिकता से वंचित करने का षड्यंत्र रचा जाये। जनता को शिक्षा-रोज़गार-चिकित्सा जैसे उसके असल मुद्दों पर संगठिक करने वालों को उनके सभी क़ानूनी अधिकार छीनकर जेलों या डिटेंशन सेंटरों में डाल दिया जाये! जनता का संगठित प्रतिरोध ही संघियों की नापाक हरक़तों का जवाब हो सकता है तथा हर प्रकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध ही हमारे ज़िन्दा होने का सबूत भी हो सकता है।
Read more