हमारे बारे में

‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ भारत के मज़दूरों और मेहनतकशों की इंक़लाबी पार्टी है। यह उन्हीं के द्वारा बनायी गयी है और उन्हीं के संसाधनों पर चलती है। यह पूँजीपति वर्ग के किसी भी हिस्से से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं लेती है। हमारा अन्तिम लक्ष्य क्रान्तिकारी तरीक़े से मज़दूर सत्ता की स्थापना और समाजवाद का निर्माण करना है, जिसमें उत्पादन, राज-काज और समाज के पूरे ढाँचे पर मेहनतकशों का अधिकार हो और फै़सले की ताक़त वास्तव में उनके हाथों में हो। इसी लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए और मज़दूर वर्ग के स्वतन्त्र राजनीतिक पक्ष को प्रस्तुत करने के उद्देश्य से हम इन लोकसभा चुनावों में भागीदारी कर रहे हैं।

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) एक क्रान्तिकारी पार्टी है, जो कि स्‍वयं मज़दूरों, मेहनतकशों और उनके ऐसे राजनीतिक संगठनकर्ताओं द्वारा बनायी गयी है, जो मज़दूर आन्‍दोलनों की गरमी में परिपक्‍व हुए हैं, शिक्षित हुए हैं और मज़दूरों-मेहनतकशों को नेतृत्‍व दे रहे हैं। इस पार्टी का गठन नवम्‍बर 2018 में देश के कई राज्‍यों से एकत्रित हुए मज़दूरों, मेहनतकशों और उनके बीच काम कर रहे संगठनकर्ताओं ने किया। इसके बाद, दिसम्‍बर 2018 में इस नयी पार्टी ने अहमदनगर, महाराष्‍ट्र में निगम पार्षद के चुनाव में एक सीट पर चुनाव लड़ा और पूँजीवादी दलों द्वारा धनबल, शराब और बाहुबल के नग्‍न उपयोग के बावजूद करीब हज़ार वोटों के साथ चौथे स्‍थान पर आयी। लेकिन चूँकि समाजवादी कार्यक्रम को जनता के बीच परिचित और लोकप्रिय बनाने के मामले में सबसे अहम चुनाव होते हैं राष्‍ट्रीय विधायिका यानी कि संसद के चुनाव, इसलिए इस बार यह पार्टी लोकसभा चुनावों में चार राज्‍यों की सात सीटों (दिल्‍ली की दो सीटें, महाराष्‍ट्र की दो सीटें, हरियाणा की दो सीटें और उत्‍तर प्रदेश की एक सीट) पर अपने उम्‍मीदवार खड़े कर रही है। इसके अलावा, मज़दूरों और मेहनतकशों के बीच पंजाब, बिहार, उत्‍तराखण्‍ड और केरल में पार्टी के सदस्‍यों और वॉलण्टियरों की तैयारी का काम शुरू कर दिया गया है, जिससे कि आने वाले चुनावों में और अधिक सीटों पर मज़दूर वर्ग की ओर से क्रान्तिकारी राजनीतिक हस्‍तक्षेप किया जा सके।

‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ मज़दूर वर्ग की एक हिरावल पार्टी है जो कि मार्क्‍सवाद-लेनिनवाद के क्रान्तिकारी उसूलों में यक़ीन करती है। यह पार्टी मानती है कि सर्वहारा वर्ग का ऐतिहासिक लक्ष्‍य है कि वह क्रान्तिकारी रास्‍ते से बुर्जुआ राज्‍यसत्‍ता का ध्‍वंस करके सर्वहारा वर्ग की सत्‍ता क़ायम करे और समाजवादी व्‍यवस्‍था का निर्माण करे। RWPI का मानना है कि मज़दूर सत्‍ता और समाजवादी व्‍यवस्‍था अन्‍तत: इसी रास्‍ते से बन सकते हैं। लेकिन समाजवादी क्रान्ति से पहले भी एक सही क्रान्तिकारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को पूँजीवादी चुनावों में मज़दूर वर्ग के स्‍वतन्‍त्र क्रान्तिकारी पक्ष की हैसियत से हस्‍तक्षेप करना चाहिए और यदि वह संसद में अपने प्रतिनिधि भेजने में सफल होती है, तो उसे पूँजीवादी संसद के भीतर से पूँजीवादी संसदीय व्‍यवस्‍था की असलियत को आम मेहनतकश जनता के समक्ष उजागर करना चाहिए, ऐसे पूँजीवादी जनवादी अधिकारों को आम मेहनतकश जनता तक पहुँचाने के लिए हर सम्‍भव प्रयास करना चाहिए जो कि महज़ कागज़ पर उन्‍हें मिले हुए हैं, वास्‍तव में हासिल नहीं हैं, और आम मेहनतकश जनता के जीवन में सुधार के लिए जो भी सीमित कार्य किये जा सकते हैं वे करने चाहिए।

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी का मानना है कि आम मेहनतकश जनता के एक अच्‍छे-खासे हिस्‍से को आज भी यह लगता है कि पूँजीवादी संसदीय लोकतन्‍त्र उसे कुछ दे सकता है और इसीलिए वह कभी इस तो कभी उस पूँजीवादी पार्टी को चुनावों में वोट देती है। अन्‍यथा वह वोट ही नहीं देती। करीब 70 फ़ीसदी जनता द्वारा मतदान किये जाने की व्‍याख्‍या वोटों को ख़रीदने आदि से नहीं की जा सकती है। निश्चित तौर पर, आम मेहनतकश जनता के भी एक अच्‍छे-खासे हिस्‍से के पूँजीवादी जनवादी विभ्रम बने हुए हैं, यानी उन्‍हें यह लगता है कि पूँजीवादी संसद अभी भी कम-से-कम आंशिक रूप से राजनीतिक तौर पर प्रासंगिक है। यह विभ्रम महज़ राजनीतिक प्रचार के ज़रिये नहीं दूर किया जा सकता है, बल्कि पूँजीवादी चुनावों में हस्‍तक्षेप करके व्‍यावहारिक उदाहरण के ज़रिये ही दूर किया जा सकता है।

पूँजीवादी संसदीय जनवाद की चुनावी व्‍यवस्‍था में मज़दूर वर्ग को केवल यह अधिकार होता है कि वह पूँजीपतियों की पार्टियों, यानी भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, जदयू, जद (सेकू), राजद, द्रमुक, अन्‍नाद्रमुक, टीडीपी, टीआरएस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, भाकपा आदि में से किसी एक को चुन ले। आम मेहनतकश आबादी के उन्‍नत तत्‍व इस बात को राजनीतिक प्रचार से ही समझ सकते हैं और अक्‍सर स्‍वयं ही समझ भी जाते हैं। लेकिन ज़्यादातर आबादी महज़ राजनीतिक प्रचार से पूँजीवादी संसदीय जनवाद की राजनीतिक अप्रासंगिकता को नहीं समझ सकती है। वे केवल व्‍यावहारिक अनुभव के ज़रिये ही समझ सकते हैं कि पूँजीवादी संसदीय जनवाद मज़दूर वर्ग और आम मेहनतकश आबादी को बुनियादी जनवादी अधिकार नहीं दे सकता है और इन बुनियादी जनवादी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए समाजवादी व्‍यवस्‍था और मज़दूर सत्‍ता अनिवार्य और अपरिहार्य है। ऐसे में, यह एक ज़रूरी कार्यभार है कि क्रान्तिकारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पूँजीवादी चुनावों और संसद, विधानसभाओं आदि में मज़दूर वर्ग के स्‍वतन्‍त्र राजनीतिक पक्ष के तौर पर रणकौशलात्‍मक (टैक्टिकल) हस्‍तक्षेप करे और पूँजीवादी संसदीय जनवाद की असलियत को न सिर्फ़ बाहर से बल्कि अन्‍दर से भी आम मेहनतकश जनता के समक्ष उजागर करे। आज इस काम को कोई भी पार्टी नहीं कर रही है क्‍योंकि आम मेहनतकश आबादी की कोई क्रान्तिकारी पार्टी मौजूद ही नहीं है जो कि सर्वहारा वर्ग का हिरावल हो और समस्‍त मेहनतकश जनता की नेतृत्‍वकारी कोर हो। भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टीके गठन का वास्‍तविक उद्देश्‍य एक ऐसी ही पार्टी का निर्माण है जो कि न सिर्फ़ समाजवादी क्रान्ति और मज़दूर सत्‍ता की स्‍थापना के दूरगामी राजनीतिक लक्ष्‍य के लिए आज ही से काम करे, बल्कि ठीक इसी लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए आज ही से सभी राजनीतिक क्षेत्रों और प्रक्रियाओं में, जिसमें कि पूँजीवादी चुनाव भी शामिल हैं, मज़दूर वर्ग के स्‍वतन्‍त्र राजनीतिक पक्ष को पेश करे और उन्‍हें राजनीतिक रूप से एक अलग वर्ग के तौर पर संगठित करे, ताकि वह समस्‍त आम मेहनतकश जनता को क्रान्तिकारी आन्‍दोलन में नेतृत्‍व दे सके।

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी का लक्ष्‍य है कि पूँजीवादी संसदवाद के दलदल में धँस चुकी तमाम संशोधनवादी (यानी नकली कम्‍युनिस्‍ट) पार्टियों को भी आम मेहनतकश आबादी के सामने बेनक़ाब किया जाये और उनके सुधारवाद और उनकी टटपुँजिया राजनीति की असलियत को उजागर किया जाये जिससे कि पूँजीवादी संसद में क्रान्तिकारी कम्‍युनिस्‍ट टैक्टिकल हस्‍तक्षेप को सही अर्थों में स्‍थापित किया जा सके। संक्षेप में, ‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ का गठन इसलिए किया गया है ताकि मज़दूर वर्ग की एक हिरावल पार्टी का निर्माण किया जा सके जो आम मेहनतकश जनता का नेतृत्‍वकारी कोर की भूमिका निभा सके। इसका अन्तिम लक्ष्‍य क्रान्तिकारी रास्‍ते से मज़दूर सत्‍ता की स्‍थापना और समाजवादी व्‍यवस्‍था का निर्माण है। इस दूरगामी राजनीतिक लक्ष्‍य की पूर्ति के लिए यह पार्टी मौजूद पूँजीवादी समाज में हर राजनीतिक प्रक्रिया और राजनीतिक क्षेत्र में मज़दूर वर्ग और आम मेहनतकश आबादी के स्‍वतन्‍त्र राजनीतिक पक्ष के रूप में हस्‍तक्षेप करेगी, चाहे वह ट्रेड यूनियन आन्‍दोलन हो, प्रगतिशील जनान्‍दोलन हों, जैसे कि बेरोज़गारी के विरुद्ध, महँगाई के विरुद्ध, भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध, फ़ासीवाद के विरुद्ध या फिर जनवादी हकों पर हमले के विरुद्ध, या फिर, पूँजीवादी चुनाव, संसद, विधानसभाएँ, नगरपालिकाएँ या पंचायतें हों। पूँजीवादी चुनावों, संसदों, विधानसभाओं आदि में हस्‍तक्षेप का मकसद इन संस्‍थाओं की वास्‍तविकता और सीमाओं को आम मेहनतकश जनता के समक्ष उजागर करना है, न कि इन संस्‍थाओं के प्रति विभ्रम को बढ़ावा देना।यानी ‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ का लक्ष्‍य है, इन पूँजीवादी चुनावों, संसद व विधानसभाओं में मज़दूर वर्ग के स्‍वतन्‍त्र राजनीतिक पक्ष के रूप में क्रान्तिकारी रणकौशलात्‍मक हस्‍तक्षेप करना।

एक ज़रूरी अपील

दोस्तो, साथियो,

‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ पूँजीपति वर्ग के किसी भी हिस्से या उनके चुनावी ट्रस्टों से किसी भी तरह का सहयोग नहीं लेती है। यह पूरी तरह मेहनतकश जनता और सभी प्रगतिशील और इंसाफ़पसन्द नागरिकों से जुटाये गये संसाधनों से ही चलती है। हम आपसे पार्टी के चुनाव अभियान और पार्टी कार्यों के संचालन के लिए वित्तीय सहयोग देने की अपील करते हैं। आप अपना सहयोग नीचे दिये गये बैंक खाते में भेज सकते हैं या हमारे किसी वॉलण्टियर को देकर उससे रसीद ले सकते हैं या फिर हमारे कार्यालय पर आकर दे सकते हैं।

बैंक खाता धारक का नाम : लाल चन्द्र (Lal Chandra)
खाता संख्या : 56810100001078
बैंक का नाम : बैंक ऑफ़ बड़ौदा
IFSC कोड : BARB0NIRALA