संघर्षरत कुश्ती पहलवानों के समर्थन में भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI)

संघर्षरत कुश्ती पहलवानों को न्याय दो !
मोदी सरकार बेटी बचाओ की नौटंकी बन्द करो !
बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल गिरफ़्तार करो !

जन्तर-मन्तर पर संघर्षरत पहलवानों के धरने में आज अन्य जनसंगठनों के साथ भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) के द्वारा भागीदारी की गयी। इस दौरान पहलवानों की सभी जायज़ माँगों का पुरजोर समर्थन किया गया। RWPI की ओर से साथी भारत ने सभा को सम्बोधित किया और मोदी सरकार के बेशर्म रवैये की भर्त्सना की।

ज्ञात हो बृजभूषण सिंह एक कुख्यात बाहुबली है जिसपर चार दर्जन के लगभग मामले दर्ज़ हैं। लोगों को डरा-धमकाकर वोट हासिल करने में आज गुण्डई भी एक कारगर हथियार है। पूर्वांचल के अपने वोट बैंक को बचाये रखने के मक़सद से भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को बचा रही है। इस पूरे प्रकरण से स्त्री विरोधी अपराधियों को प्रश्रय देने वाली भाजपा का चाल-चरित्र-चेहरा एक बार फिर से जनता के सामने बेनकाब होता है।

गौरतलब है कि बीते 23 अप्रैल को एक बार फ़िर देश के उत्कृष्ट कुश्ती खिलाड़ी और ओलम्पिक-कॉमन वेल्थ-एशियाई पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, सत्यव्रत, जितेन्द्र व अन्य जन्तर-मन्तर पहुँचकर धरना देने को मजबूर हुए हैं। ज्ञात हो कि खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भाजपा के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बृजभूषण पर खिलाड़ियों के साथ गाली-गलौच करने, मारपीट करने, क्षेत्रवाद बरतने और भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप भी लगे हैं। इससे पहले भी बृजभूषण पर साम्प्रदायिकता, आगजनी, हिंसा और दंगे जैसे अपराधों में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं।

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के स्त्री-विरोधी और भ्रष्टाचारी रवैये के ख़िलाफ़ अवाज़ उठाते हुए बजरंग पुनिया व अन्य खिलाड़ियों ने इसी साल जनवरी में प्रदर्शन कर बृजभूषण सिंह के इस्तीफ़े, फेडरेशन में तत्काल बदलाव और आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की माँग उठायी थी। तब प्रदर्शन के दबाव में आकर बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ से निलम्बित किया गया था लेकिन आज भी इसकी दख़ल जारी ha।खेल मंत्रालय ने आरोपों की जाँच के लिए 23 जनवरी को पाँच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया और एक महीने के भीतर जाँच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही। मगर, आज तीन महीने बाद भी रिपोर्ट सार्व

जानिक नहीं हुई है और सभी आरोपी आज़ाद घूम रहें हैं। शुचिता और संस्कार का दम्भ भरने वाली पार्टी भाजपा और उसके तमाम नेता-मंत्री की असलियत एक बार फिर हमारे सामने है!!

विकट परिस्थितियों के बावजूद खिलाड़ी जब पदक जीतकर लाते हैं तो तमाम नेता उनके साथ फ़ोटो खिंचाने में तो आगे रहते हैं लेकिन खेल की तैयारी और माहौल को दुरुस्त करने में किसी का भी ध्यान नहीं है। अभी ज़्यादा समय नहीं हुआ जब हरियाणा भाजपा के खेल मंत्री सन्दीप सिंह के ख़िलाफ़ यौन हिंसा का आरोप लगाया गया था। इस मामले की जाँच करने की बजाय पीड़िता को ही तरह-तरह से डराया-धमकाया व प्रताड़ित किया जा रहा है। ख़ुद हरियाणा के मुख्यमंत्री महिला कोच के आरोपों पर अनर्गल होने का ठप्पा लगा रहे हैं। ज़ाहिर सी बात है कि ऐसे माहौल में कैसे कोई खिलाड़ी अपना सौ फ़ीसदी अपने खेल को दे सकता है!

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) खिलाड़ियों की माँगों का पुरज़ोर समर्थन करती है। हम माँग करते हैं कि भाजपा नेता बृजभूषण व अन्य आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई हो और दोषियों को सख़्त सज़ा मिले।