निजीकरण की जानलेवा नीतियों का प्रतिरोध करो!
निजीकरण की जानलेवा नीतियों का प्रतिरोध करो!
पिछले 19 अप्रैल को बिलासपुर मण्डल के सिंगपुर स्टेशन पर एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई। दुर्घटना में एक लोको पायलट की मृत्यु हो गई और तीन अन्य लोग गम्भीर रूप से घायल हैं।
वास्तव में यह हादसा नहीं बल्कि उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों द्वारा की गई हत्या है। रेलवे के साथियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत लोको पायलट पिछले 14 घण्टे से लगातार ड्यूटी कर रहे थे। साथ ही माल गाड़ी में जो ब्रेक इस्तेमाल किया गया था वह ब्रेक पहले भी बहुत से परीक्षणों में असफल साबित हो चुका था जिसकी सूचना एआईएलआरएसए पहले भी सरकार को दे चुकी थी। लेकिन कोई कार्यवाही करने की बजाय कम गति में ट्रेन चलाने आदि की बात करके मामले पर लीपापोती की गयी जिसका नतीज़ कल एक लोको पायलट की मौत और तीन अन्य के गम्भीर रूप से घायल होने के रूप में सामने आया है।
ग़ौरतलब है कि रेलवे में पिछले 6 सालों में 72,000 पद समाप्त हो चुके हैं और 81,000 पदों को समाप्त करने की योजना है। इतना ही नहीं, स्वीकृत पदों में भी लगभग 3,00,000 पद खाली पड़े हैं। यही स्थिति तमाम अन्य सरकारी विभागों की भी है। ऐसे में स्थिति यह बनती है कि बहुत से कर्मचारियों को निर्धारित काम के घण्टों से कहीं ज़्यादा ओवरटाइम करना पड़ता है। बहुत से कर्मचारी लम्बे समय से संविदा और ठेके पर काम कर रहे हैं जिनके सामने कोई सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा नहीं है। ज़ाहिर है कि इस घटना के बाद भी इन मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
अगर हम आज सबक नहीं लेते हैं तो यह जानलेवा नीतियां कल को पूरे समाज में ऐसी तबाही-बर्बादी का मंज़र आम कर देंगी। भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी और बिगुल मज़दूर दस्ता उदारीकरण-निजीकरण की इन हत्यारी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान करते हैं।