महराजगंज जिले के चौतरवां बाज़ार और परसिया खुर्द गाँव में नुक्कड़ सभाएँ

नौकरी माँगे नारे मिलते कैसा झूठा राज!

शोषण के जूतों से पिसकर रोता भारत आज!!

गोरखपुर और नेपाल के बीच पड़ने वाला महाराजगंज जिला उद्योग धन्धों को सस्ता श्रम उपलब्ध कराने वाले बेल्ट का हिस्सा है। महराजगंज लोकसभा क्षेत्र से #RWPI के उम्मीदवार प्रमोद कुमार के समर्थन में महराजगंज जिले के चौतरवां बाज़ार और परसिया खुर्द गाँव में आज नुक्कड़ सभाएं की गयीं। इन गाँवों में लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य बाहर जाकर मज़दूरी करता है। उसकी वजह यह है कि एक तो महराजगंज और आसपास के इलाकों में उद्योग-धंधे नहीं के बराबर हैं। जो चीनी मिलें और अन्य छोटे-मोटे उद्योग थे भी वो बरसों से बन्द पड़े हैं। योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद खाद कारख़ाने का उद्घाटन कर दिया लेकिन अभी भी वो कारख़ाना चालू होने का इंतज़ार कर रहा है। इन बन्द पड़े कारख़ानों में काम करने वालों के करोड़ों रुपये बकाया हैं। मशीनें, सैकड़ों एकड़ ज़मीन, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि पूँजीवादी विकास के मॉडल की भेंट चढ़ गया है। खेती-किसानी की हालत यह है कि पूरे क्षेत्र में हार्वेस्टर-कम्बाइन जैसी मशीनों का व्यापक इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से खेती-किसानी के मौसम में भी लोगों को काम नहीं मिलता है। दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा से लेकर खाड़ी देशों तक जाकर हाडतोड़ मेहनत करने वाली आबादी का परिवार जीवन की बहुत बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम है। बेहतर शिक्षा और चिकित्सा भी वही खरीद सकते हैं जो गोरखपुर जैसे बड़े शहरों में जाने-रुकने का खर्च उठा सकते हैं। RWPI के कार्यकर्ताओं ने कहा कि मेहनतकश आबादी को अपनी ज़िन्दगी बदलने के लिए पूँजीवादी पार्टियों का पिछलग्गू बनने की ज़रूरत नहीं है। वह अपना क्रान्तिकारी विकल्प चुनें और RWPI के उम्मीदवार प्रमोद कुमार के चुनाव निशान ‘करनी’ पर वोट दें।