करनी के निशान (क्रमांक 12) पर बटन दबाओ, RWPI के उम्मीदवार इन्द्रजीत को विजयी बनाओ !

कमेरे वर्गों का संकल्प! RWPI हमारा विकल्प!

जातिवाद, साम्प्रदायिकता, पूँजीवाद को चोट दो!
भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) को वोट दो!

रोहतक लोकसभा क्षेत्र के भाइयो, बहनो और साथियो!

देश में 17वीं लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। कुर्सी और सत्ता के लालच में नेता-मन्त्री एक पार्टी से दूसरी पार्टी में ऐसे कूद रहे हैं जैसे बरसात के समय पर मेण्ढक एक नाली से दूसरी नाली में छलांग लगाते हैं। चुनाव में धनबल-बाहुबल का खूब इस्तेमाल हो रहा है। दारू-पैसे-जाति-धर्म का इस्तेमाल किसी से छुपा नहीं है! 2014 का लोकसभा चुनाव अमरीका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे महँगा चुनाव था जिसमें करीब 40 हज़ार करोड़ रुपये का खर्च हुआ था। पर हमें मिला क्या? 543 में से 442 करोड़पति-अरबपति सांसद और 186 बड़े-बड़े अपराधों के आरोपी सांसद! क्या आपको लगता है कि ये तथाकथित जनप्रतिनिधि हमारे जीवन से जुड़ी समस्याओं को संसद भवन में उठाते हैं? चुनावी वायदों को उठाकर कूड़े की टोकरी में फेंक दिया जाता है और फिर अगले चुनाव में ही तमाम पार्टियों और नेताओं को जनता की याद आती है। जब झूठे वायदों से काम नहीं चलता तो जाति-धर्म-आरक्षण-क्षेत्रवाद के नाम पर हमें आपस में ही लड़ा दिया जाता है। हमारा खून सड़कों पर बहता है और वोट की फसल तैयार होती है चुनावी मदारियों की!

नहीं चुनेंगे बुरा विकल्प, खड़ा करेंगे अपना पक्ष!

साथियो! अपने खून-पसीने से इस देश को चलाते हम हैं किन्तु हमारी आवाज़ संसद से गायब है। ज़रूरत की हर चीज़ पर दिये गये हमारे टैक्स से देश का खजाना भरता है किन्तु मौज उड़ाते हैं धन्नासेठ पूँजीपति और नेतागण! पूँजीपतियों का करोड़ों ऋण-कर माफ़ हो जाता है, नेता लोग खूब गुलछर्रे उड़ाते हैं किन्तु हमें शिक्षा-चिकित्सा-रोज़गार-आवास जैसी बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं मिलती! देश में दो तरह के लोग हैं, एक वे जो खुद मेहनत करते हैं और दूसरे वे जो जोंक की तरह मेहनत करने वालों के खून-पसीने पर पलते हैं! सत्ता में बैठे लोग कमेरों को जाति-धर्म-आरक्षण-क्षेत्र-भाषा के नाम पर बाँटे रखते हैं। इनपर अंकुश किसी का नहीं है यानी ‘घर की बही और काका लिखणिया’!

विभिन्न चुनावी मदारियों में फर्क सिर्फ इतना है कि कोई अँधेरे में हमारी जेब काटता है तो कोई दिन के उजाले में हमारे हितों पर डाके डालता है! बड़े पूँजीपतियों के चुनावी ट्रस्ट, बड़ी-छोटी कम्पनियों के मालिक, बड़े-बड़े ठेकेदार-बिल्डर चुनावबाज पार्टियों को चन्दे के नाम पर करोड़ों रुपये देते हैं? साल 2017-18 में ही भाजपा को 1,035 करोड़, कांग्रेस को 200 करोड़, आम आदमी पार्टी को 25 करोड़, सीपीआईएम को 2 करोड़ 76 लाख, सीपीआई को 1 करोड़ 15 लाख, बसपा को 52 करोड़, सपा को 7 करोड़ रुपये मालिकों के विभिन्न धड़ों की ओर से मिला था। संशोधनवादी वामपन्थी पार्टियों को चन्दे का एक हिस्सा इनसे जुड़ी ट्रेड यूनियनों के मज़दूरों से भी मिला है। क्या ये पार्टियाँ सत्ता में आने के बाद इन्हीं पूँजीपतियों के विभिन्न हिस्सों की सेवा में नहीं लगेंगी? क्या शिक्षा-रोज़गार-चिकित्सा-महँगाई-भ्रष्टाचार-निजीकरण जैसे मुद्दे इनके एजेण्डे में होंगे? कत्तई नहीं! अच्छे दिन लाने और देश की तकदीर बदल देने के दमगजे भरते हुए सत्ता में आने वाले मोदी जी ने देश को बर्बादी की गर्त में ला छोड़ा है। रोज़गार पर संकट छाया है अर्थव्यवस्था बेहाल है, चारों ओर शोषण-दमन और जाति-धर्म के नाम पर झगड़ों-दंगों का आलम है। जिन आर्थिक नीतियों को मोदी सरकार ने छाती ठोंककर जनता पर थोपा उनके नाम पर अब ये वोट भी नहीं माँग रहे हैं। भाजपा को अब मन्दिर, फ़र्जी राष्ट्रवाद और सेना के नाम पर झूठ-मूठ की राजनीति का ही सहारा है! कांग्रेस पर मुँह धोये हुए ज़रा इस बात को समझ लें कि देश में लागू उदारीकरण-निजीकरण की लुटेरी-पूँजीपरस्त और जनविरोधी आर्थिक नीतियों की शुरुआत 1991 में कांग्रेस के शासन काल में ही हुई थी। तमाम छोटे-मोटे क्षेत्रीय दल तो सीधे सत्ता के पीछे इस कदर दीवाने हैं कि बिना पैन्दी के लोटे की तरह इधर-उधर लुढ़कते रहते हैं!

अब RWPI विकल्प के तौर पर मौजूद है!

साथियो, देश के किसानों-मज़दूरों समेत तमाम मेहनतकश लोगों के जीवन में असल ख़ुशहाली तो तभी आ सकती है जब सत्ता-व्यवस्था और उत्पादन के तमाम साधनों पर मेहनतकश लोगों का कब्ज़ा होगा जब उत्पादन के केन्द्र में निजी मुनाफे की बजाय मानव समाज होगा। और यही हमारा अन्तिम लक्ष्य है! किन्तु जनपक्षधर ताकतों को सड़कों पर जनता के संघर्षों को लड़ते हुए संसद जैसे मंचों पर भी अपने अधिकारों की अधिकतम सम्भव रक्षा हेतु अपने बीच से जन-प्रतिनिधि भेजने चाहिए। जनता के संघर्षों में लम्बे समय से सक्रिय लोगों ने एक नयी पहल लेकर भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) का गठन किया है। RWPI दूसरी पार्टियों की तरह धन्नासेठों-पूँजीपतियों के टुकड़ों पर नहीं पलती। यह पार्टी पूरी तरह से जनता से जुटाये गये संसाधनों पर ही निर्भर है। निराशा-हताशा छोड़कर RWPI के साथ खड़े हों! RWPI ने देश भर की 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जिनमें एक रोहतक लोकसभा सीट भी है।

एक सांसद अपनी सांसद निधि के 25 करोड़ रुपयों तथा मिलने वाली अन्य निधियों को ही ईमानदारी से खर्च करे तो बहुत कुछ बदल सकता है। लोगों तक शिक्षा-चिकित्सा-सिवरेज-साफ़-सफाई-बिजली-पानी की पहुँच सम्भव हो सकती है। किन्तु देश की तरह हमारे रोहतक लोकसभा क्षेत्र में भी बड़ी आबादी तक जीवन की बुनियादी सुविधाओं तक की पहुँच नहीं है! सांसद अपने क्षेत्र की जनता की आवाज़ होता है पर हमारी आवाज़ गायब है! इस बार भी रोहतक लोकसभा के विभिन्न उम्मीदवारों को जातिवाद जैसे गैरज़रूरी मुद्दों का ही सहारा है। हमारे एजेण्डे के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं। विस्तार से जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट से हमारा लोकसभा चुनाव घोषणापत्र 2019 देख सकते हैं।

*हरेक काम करने योग्य नागरिक को स्थायी रोज़गार की गारण्टी * सभी को समान एवं निःशुल्क शिक्षा * सभी के लिए दवा-इलाज़ की निःशुल्क व्यवस्था * ठेकेदारी प्रथा का पूर्ण ख़ात्मा व राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 20,000 * स्त्रियों और पुरुषों को समान काम का समान वेतन * जातिगत-धार्मिक और लैंगिक भेदभाव व उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सख्त कानून * सरकारी ऋण दबा लेने वाली सभी कम्पनियों का तत्काल राष्ट्रीयकरण * कृषि की बड़ी जोतों का राष्ट्रीयकरण और सामूहिक खेती, सहकारी खेती और राज्य नियन्त्रित खेती के रूपों की स्थापना।

हमारी बात ठीक लगती है तो आने वाली 12 मई को रोहतक लोकसभा सीट पर करनी के निशान पर बटन दबाकर (ईवीएम क्रमांक 12) RWPI के प्रत्याशी इन्द्रजीत को वोट दें और कमेरे पक्ष को मज़बूत करें। हमसे सम्पर्क ज़रूर करें। RWPI आपकी अपनी पार्टी है इसे अधिकतम चन्दा दें, इसके वॉलण्टियर बनें व अपने इलाकों में बैठकें कराएँ।

अन्धकार का युग बीतेगा, जो लड़ेगा वो जीतेगा!

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI)

रोहतक सम्पर्क :- 8010156365, 9992130268, 8860792320, व्हाट्सऐप 8010156365 वेबसाइट: rwpi.org
फ़ेसबुक पेज: facebook.com/revolutionaryworkerspartyofindia
टि्वटर: twitter.com/rwpiorg