उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बवाना में चुनाव प्रचार!
बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में 12000 फ़ैक्ट्रियाँ हैं जहां मज़दूर 1886 के शिकागो के मज़दूरों की तरह ही 12-14 घंटे खटते हैं। 133 साल बीत गए लेकिन काम के घंटे की लड़ाई मज़दूर वर्ग को अब भी लड़नी है। #RWPI का उम्मीदवार जीतने पर काम के घंटे 6 करने की मांग को संसद में बुलंद करेगा क्योंकि आज उत्पादकता पिछले 133 सालों के मुकाबले कहीं गुना बढ़ चुकी है परन्तु इस बढ़ी उत्पादकता से केवल पूँजीपतियों का मुनाफ़ा बढ़ा है मज़दूरों के जीने के हालात नहीं।