ईवीएम में घपले के ख़िलाफ़ RWPI का निर्वाचन आयोग पर विरोध प्रदर्शन! पुलिस ने गिरफ़्तार किया!
भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग के सामने ईवीएम के घोटाले के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया। पुलिस ने प्रदर्शन से डरकर ज़ोर-जबरदस्ती की और सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया। RWPI की ओर से प्रदर्शन कर माँग की गयी कि वोट की गणना 100% VVPAT से की जाए, अन्यथा 23 मई को घोषित नतीजे महज एक ढकोसला होगा। इसलिए, अगर निर्वाचन आयोग VVPAT के जरिए गणना नहीं करता है तो चुनाव के नतीजों का सभी नागरिकों और सभी विपक्षी चुनावी दलों को बहिष्कार करना चाहिए। वोट देने का अधिकार जनता का सबसे बुनियादी जनवादी अधिकार है और इसपर फ़ासीवादी भाजपा और उसके प्रचार विभाग बने हुए निर्वाचन आयोग डाका डाल रहे हैं। गुप्त मतदान के जरिए प्रतिनिधियों को चुनने की व्यवस्था को ख़त्म करने की साज़िश का मुँहतोड़ जवाब देना ही होगा। अशोक लवासा की आपत्तियों को सार्वजनिक करने से इन्कार और दो दिन से स्ट्रॉन्ग रूम के आगे मंडरा रही ईवीएम से भरी गाडियाँ ईवीएम के घोटाले को साफ़ करती हैं और इसे रोकने का एकमात्र तरीका VVPAT के जरिए 100% गणना है। आयोग के बाहर नारे उठाते और अपनी बात रखते हुए प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर संसद मार्ग थाने में रखा है जहाँ अभी भी हम अपने गीतों और नारों से मोदी सरकार की पुलिस और उसके निर्वाचन आयोग द्वारा जनता के सबसे बुनियादी हक पर हमले की मुख़ालफ़त कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में सीपीआई एमएल (एनडी) व मज़दूर किरायेदार पार्टी ने भी शिरकत की।
अपडेट (3.30 PM): भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी समेत अन्य संगठनों के प्रदर्शनकारियों को संसद मार्ग थाने से रिहा कर दिया है। रिहा होने पर एक प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा हालांकि ईवीएम में चल रही धांधलेबाज़ी पर कोई भी ठोस कदम उठाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया नकारात्मक है। सौंपे गये ज्ञापन पर अगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो 23 तारीख़ के बाद आगे की रणनिति बनायी जायेगी।