RWPI ने देवलर गाँव (जिला अम्बेडकरनगर) में चलाया प्रचार अभियान

सन्तकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से RWPI के उम्मीदवार मित्रसेन के समर्थन में आज देवलर गाँव (जिला अम्बेडकरनगर) में प्रचार अभियान चलाया गया। इस प्रचार अभियान के दौरान गाँव में पैदल मार्च निकालकर जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं की गयीं। वक्ताओं ने कहा कि RWPI की प्रमुख माँगें शिक्षा की एक समान व्यवस्था तथा हर काम करने योग्य हाथ को रोज़गार मुहैया कराने की हैं। लेकिन आज स्थिति यह है कि जो रोज़गार हैं भी, उनमें भी नियमित प्रकृति के रोज़गार कम किये जा रहे हैं और ठेका प्रथा, संविदा आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। आँगनबाड़ी, आशा कर्मियों समेत तमाम स्कीम वर्कर्स अपने नियमित रोज़गार की माँग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इस पूरे इलाके की बड़ी आबादी जो कि खेतों में और दिहाड़ी मज़दूर के रूप में अथवा रेहड़ी-खोमचा लगाने का काम करती है – उनकी आमदनी 5000-6000 रुपये प्रतिमाह से ज़्यादा नहीं है। मनरेगा के तहत 175 रुपये पाने वाले मज़दूर को साल में सौ दिन के हिसाब से कुल 17500 रुपये मिलते हैं जो कि एक आदमी के रूप में जीने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। RWPI की एक माँग यह भी है कि न्यूनतम वेतन कम से कम 20 हज़ार रुपये महीना हो। लेकिन इन तमाम सवालों को पूँजीपति लुटेरों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टियाँ हल नहीं कर सकतीं। यह चुनावी पार्टियाँ जनता के बीच में चाहे कितने भी लोकरंजक जुमले उछालें लेकिन हर आदमी को 15 लाख रुपये देने के वायदे की सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है, 72000 रुपये सालाना देने का वायदा भी खोखला दावा ही साबित होने वाला है। जो जनता की समस्याओं को हल करने के दावे कर भी रहे हैं, उनके पास भी उसके क्रियान्वयन का कोई ठोस रास्ता नहीं है। असल में ये तमाम पूँजीवादी पार्टियाँ लुटेरे पूँजीपतियों के पैसों और संसाधनों के दम पर चलती हैं। चुनाव में वोट पाने के लिए नाम भले ही वो जनता का लें लेकिन काम लुटेरे पूँजीपतियों का ही करती हैं। जबकि दूसरी ओर RWPI एक ऐसी पार्टी है जो आम जनता मज़दूरों-किसानों-कर्मचारियों के दम पर खड़ी हुई है। वक्ताओं ने यह अपील की कि मज़दूर पक्ष के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए RWPI के प्रत्याशी को वोट दें। सभाओं में क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की गयी तथा बड़े पैमाने पर पर्चे वितरित किये गये। प्रचार अभियान को लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ तथा लोगों ने RWPI के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहयोग भी किया।